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Neuro-modulation team at Fortis Mohali successfully treated patients suffering from Parkinson’s disease through Deep Brain Stimulation

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Fortis Mohali successfully treated patients suffering from Parkinson
Fortis Mohali successfully treated patients suffering from Parkinson

चंडीगढ़, 11 अप्रैल, 2022 (22G TV) फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली की न्यूरो-मॉड्यूलेशन टीम के सदस्यों डॉ. अनुपम जिंदल, एडीशनल डायरेक्टर, न्यूरोसर्जरी; डॉ.निशित सावल, कंसल्टेंट, न्यूरोलॉजी; डॉ. विवेक गुप्ता, एडीशनल डायरेक्टर, इंटरवेंशनल न्यूरोरेडियोलॉजी; डॉ.अभिषेक प्रसाद, हैड, रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट; डॉ. हरदीप सिंह, डिपार्टमेंट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड बिहेवरियल साइंसिज; और डॉ.भूपिंदरजीत वड़ैच, डिपार्टमेंट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड बिहेवरियल साइंसिज; ने पार्किंसंस रोग से प्रभावित दो बुजुर्ग रोगियों पर डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (डीबीएस) का सफलतापूर्वक संचालन किया।

डीप ब्रेन स्टिमुलेशन एक न्यूरो-सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें पार्किंसंस रोग से पीडि़त रोगियों के इलाज के लिए इम्पलांटेड इलेक्ट्रोड और इलेक्ट्रिल स्टिमुलेशन का उपयोग करना शामिल है। इस प्रक्रिया में विद्युत आवेग उत्पन्न करने के लिए मस्तिष्क के अंदर इलेक्ट्रोड को प्रत्यारोपित करना शामिल है, जो मस्तिष्क में प्रभावित कोशिकाओं और रसायनों का इलाज कर सकता है।

वाराणसी का एक 64 वर्षीय रोगी पार्किंसंस रोग से पीडि़त था और उसमें हाथ, हाथ, सिर का कांपना, बोलने में कठिनाई, अंगों की जकडऩ और शरीर का संतुलन बिगडऩा जैसे लक्षण दिखाई दे रहे थे। रोगी पर दवाओं का भी कोई असर नहीं हो रहा था और उसके लक्षण जैसे कंपकंपी, चलने में असमर्थता आदि समय के साथ बढ़ रहे थे। रोगी ने हाल ही में फोर्टिस मोहाली में डॉ. सावल से संपर्क किया, जिसमें डॉ. अनुपम जिंदल, डॉ. निशित सावल की न्यूरो-मॉड्यूलेशन टीम शामिल थी। डॉ. विवेक गुप्ता, डॉ. अभिषेक प्रसाद, डॉ. हरदीप सिंह और डॉ. भूपिंदरजीत वड़ैच ने सावधानीपूर्वक योजना बनाई और डीप ब्रेन स्टिमुलेशन सर्जरी की। सर्जरी के बाद, रोगी के झटके कम हो गए और वह बिना किसी सहारे के चलने में सक्षम हो गया।

दूसरा रोगी, हरियाणा का एक 65 वर्षीय व्यक्ति, पिछले आठ वर्षों से पार्किंसंस रोग से पीडि़त था। उनकी बीमारी एडवांस स्टेज में थी और उन्हें चलने में दिक्कत हो रही थी। रोगी के कदम छोटे हो गए थे और उसे चलने के लिए अपने पैरों को खींचना पड़ता था, और कभी-कभी वह एक कदम भी नहीं उठा पाता था। रोगी ने पिछले साल फोर्टिस अस्पताल मोहाली में डॉ. सावल से मुलाकात की, जिसके बाद उनकी डीप ब्रेन स्टिमुलेशन सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद, रोगी अपने पैरों को खींचे बिना लंबा कदम उठाने में सक्षम होता है और झटके काफी कम हो जाते हैं।

डीप ब्रेन स्टिमुलेशन पर चर्चा करते हुए, डॉ.सावल ने कहा कि ‘‘डीप ब्रेन स्टिमुलेशन पार्किंसंस रोग के रोगियों में मोटर जटिलताओं में काफी सुधार कर सकता है। सर्जरी के बाद हाथ, बाजुओं, सिर में कंपन और चलने में कठिनाई जैसे लक्षण कम हो जाते हैं।’’