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Millets fair be held every week in Chandigarh during International year of Millets 2023- Umendra Dutt

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Umendra Dutt
Umendra Dutt

चंडीगढ़ ,1 दिसम्बर (22G TV) प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित , एडवाइजर धरम पाल , सांसद किरण खेर मेयर सरबजीत कौर,पंजाब विधानसभा के डिप्टी स्पीकर, संजय टण्डन व अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर का आगाज हुआ ।

उमेन्द्र दत्त ने चंडीगढ़ को इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स 2023 के वर्ष में भारत में अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान किया व विश्वास दिलाया कि खेती विरासत मिशन 2008 से मिलेट्स के प्रचार प्रसार में प्रयासरत है व चंडीगढ़ प्रशासन के साथ इस मिशन पर पार्टनर की भूमिका अदा करना चाहता है।

प्रशासक पुरोहित ने कहा की मिलेट्स को रोजाना देशभर में अपने आहार का हिस्सा बनाएं व राजभवन में होने वाले कार्यक्रम में भी मिलेट्स का हो इस्तेमाल । उन्होंने कहा कि यह तो राष्ट्रव्यापी समस्या है ,चंडीगढ़ में आंगनवाड़ी, मिड डे मील व सिटको के होटल्स में भी मिलेट्स शामिल करने के प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने मुक्त कंठ से खेती विरासत मिशन के मिलेट्स जागरूकता अभियान की सराहना की व उन्होंनेअपने अभिभाषण में चंडीगढ़ प्रशासन के मौजूद अधिकारियों को अपने अपने विभागों में मिलेट्स को नियमित रूप से शामिल करने के निर्दश दिए ।

हमारी अधिकतर स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान रसोई में ही है- मिलेट्स महाराज(शेफ़) राम बाबु , खेती विरासत मिशन उमेन्द्र दत्त

महाराज ही वैद्य हैं व रसोई में मौजूद खाद्य पदार्थ /सामग्री ही हमारी दवाएं – राम बाबू

हमारी रसोई में वो सारे तत्‍व मौजूद हैं, जो एंटी बैक्‍टीरियल गुणों से लेकर एंटी इं‍फ्लेमेटरी, एंटी ऑक्सिडेंट, एंटी कैंसर गुणों का खजाना है. बस हमें उस सही चीज का सही उपयोग और महत्‍व पता होना चाहिए. ये सब मुख्‍त: मिलेट्स, मसाले, जड़ी-बूटियां इत्‍यादि हैं. यदि हमारे रोजमर्रा के भोजन में इन सभी चीजों का संतुलित और संयमित मात्रा में रोजाना इस्‍तेमाल किया जाए तो सभी 60 फीसदी स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याओं का समाधान यूं ही हो जाएगा.

रामबाबू ने बताया कि हमारी रसोई में ही हमारी सेहत का खजाना है व खाना पकाना मेडिटेशन जैसा ही होता है, तभी उसमें थेराप्यूटिक गुण मिलते हैं। आज के युग में प्रोसैस्ड फूड का जमाना है यदि हमें अपनी सेहत बरकरार रखनी है तो हमें पैकेज ,प्रोसैस्ड फूड ,गेहूं, चावल से दूरी बनानी होगी व कोदरा,कंगनी,कुटकी,बाजरा,रागी ,स्वांक, हरी कंगनी ,ज्वार अपनाएं।

हमें मिलेट्स को स्टेपल फ़ूड के रूप में अपनाना चाहिए ताकि हमें फाइबर, मिनरल्स की प्रचुर मात्रा मिल पाए ।

खेती विरासत मिशन के कार्यकारी निर्देशक उमेन्द्र दत्त ने बताया कि मिलेट्स मिरेकल फूड है और हम में से अधिकतर लोग के बीमार रहने का कारण सफेद चावल गेहूं प्रोसैस्ड फूड है और अब समय आ गया है कि कि हम अपने खुद को बदलें मिलट्स की ओर कदम बढ़ाए ताकि हम सेहतमंद रह सके और इस चमत्कारिक अनाज के पुनरुद्धार से पंजाब, हरियाणा, की मिट्टी, स्वास्थ्य और जल संकट पर भी सकारात्मक प्रभाव होगा।
उन्होंने बताया कि इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स 2023 के लिए खेती विरासत मिशन केंद्र, हरियाणा ,पंजाब सरकार व चंडीगढ़ प्रशासन के साथ मिलकर मिलेट्स के प्रचार प्रसार में जुटा हुआ है।

इस मौके पर खेती विरासत मिशन के जितेंद्र बंसल, गुरविंदर कौर, रीटा कोहली, हरिंदर जसपाल ,पूनम,राहुल व पंजाब भर से फार्मर आदि उपस्थित रहे ।