Chandigarh, July 11, 2024 (22G TV) National Independent Schools Alliance federation (NISA) today submitted a 20-point demand letter to the Chief Minister. Under the leadership of Mr. Kulbhushan Sharma, National President of NISA and State President of Federation of Private School Association, a 20-point demand letter was submitted to the Haryana Chief Minister. The federation highlighted that the private schools of Haryana have been going through a difficult phase for over a decade besides waiting for the past 10 years for the BJP to fulfil the promises made in its manifesto.
The representatives apprised the Chief Minister and Education Minister of the pending billions of rupees of 134-A to private schools, as per the law. They further added that partial money was made before the parliamentary elections but that too was not paid to the private schools, due to which the financial condition of the private schools has deteriorated. They demanded immediate payment of the amount within 30 days.
Demanding that the entire pending amount be paid to the private schools, Mr. Kulbhushan Sharma said that private schools are imparting education to children from class 9th to 12th under 134-A under the Chirag Yojana launched by the government, adding that if Rs.1100 has been fixed for class 12th, then children studying under 134-A should be paid at least Rs.1100 per month.
Mr. Kulbhushan Sharma also highlighted 19 other demands such as reviewing the schools recognized for more than 10 years by issuing a simple affidavit. He stated that on the lines of Rajasthan, the government should immediately waive off the passenger tax of Rs. 20 per seat imposed on school buses and extend the running life of buses by 2 years which have not been plying on the routs and parked during two years of the Corona pandemic. Recognised schools should not be forced to get recognition for Nursery and L.K.G. All recoganised schools, temporarily recognised schools and playway schools of Haryana must be given recognition. In addition, all the other demands submitted through memorandum to the Chief Minister, should be relieved by issuing orders within 30 days.
The president stated that if the government fails to fulfill the demands of private schools within 30 days, then private schools will organise a Maha Panchayat in Ambala on August 11 to register their protest and take a decision. He further added that it will purely be the responsibility of the ruling government. Mr. Sharma stated that the federation is hopeful that the Education Minister and the Chief Minister will take immediate decision on their demands and provide relief to the private schools of the state which are suffering from problems since last 10 years.
IN HINDI
निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं फेडरेशन आफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने प्राइवेट स्कूलों की 20 सूत्रीय मांगों को हल करने के लिए एक मांग पत्र मुख्यमंत्री हरियाणा भेज मांग की है कि प्राईवेट स्कूल पिछले 10 सालों से भाजपा सरकार द्वारा घोषणा पत्र में प्राइवेट स्कूलों के बारे में किए गए वादे को पूरा करने की आस कर रहे है और 10 वर्षो से तकलीफ के दौर से गुजर रहे है।
उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मांग की है कि प्राइवेट स्कूलों का कानून अनुसार खरबों रुपया 134-A का लंबित पड़ा हुआ है। इस बार कुछ आंशिक पैसा संसदीय चुनाव से पहले भेजा गया था, लेकिन वह भी प्राइवेट स्कूलों को अदा नहीं किया गया, जिससे प्राइवेट स्कूलों की वित्तीय स्थिति गड़बड़ाई हुई है। उन्होंने तुरंत 30 दिन के अंदर सभी लंबित राशि को प्राइवेट स्कूल का भुगतान करने की मांग की है।
कुलभूषण शर्मा ने कहा कि प्राइवेट स्कूल 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को 134-ए के तहत पढ़ा रहे है। जब सरकार ने चिराग योजना में 9वीं से 12वीं के 1100 रूपए तय किए है, तो 134-A के तहत पढ़ने वाले बच्चों को भी कम से कम 1100 रूपए प्रति माह के अनुसार भुगतान किया जाए।
कुलभूषण शर्मा ने अन्य 19 मांगों, जैसे 10 साल से मान्यता प्राप्त स्कूलों को सरल एफिडेविट देकर रिव्यू करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार राजस्थान की तर्ज पर स्कूली बसों पर लगे हुए 20 रूपए प्रति सीट पैसेंजर टैक्स को तुरंत माफ़ करे व कोरोना के दौरान 2 साल से खड़ी रही बसो की लाइफ 2 साल बढ़ाए, मान्यता प्राप्त स्कूलों को नर्सरी और एल के जी की मान्यता लेने के लिए बाध्य ना किया जाए, नियमों का सरलीकरण कर हरियाणा के सभी परमिशन प्राप्त स्कूल, अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल और प्लेवे स्कूलों को मान्यता प्रदान की जाए और अन्य जो सभी मांगों का 30 दिन के अंदर आदेश जारी कर राहत प्रदान की जाए।
उन्होंने कहा अगर सरकार 30 दिनों के अंदर प्राइवेट स्कूलों की मांगे पूरी नहीं करती है, तो 11 अगस्त को प्राइवेट स्कूल अम्बाला में महा पंचायत का आह्वाहन करेगी और बड़ा फैसला लेगी, जिसकी जिम्मेवारी पूर्णतया सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि उन्हें शिक्षा मंत्री और मुख्य मंत्री से पूर्ण उम्मीद है कि वह उनकी मांगों पर तुरंत फैसला कर प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों को, जो 10 साल से तक्लीफों से ग्रस्त है, राहत प्रदान करेंगे।