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14th Tribal Youth Exchange Program concludes in Chandigarh

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14th Tribal Youth Exchange Program concludes in Chandigarh
14th Tribal Youth Exchange Program concludes in Chandigarh

27 Janaury 2023 : Chandigarh (22G TV) नेहरू युवा केंद्र चंडीगढ़ के तत्वावधान में व गृह मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से आयोजित सात दिवसीय आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम का शुक्रवार को समापन कार्यक्रम आयोजित किया गया । पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में बत्तौर मुख्यातिथि चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर वे उनके साथ में हरयाणा मुख्यमंत्री के फीडबैक एडवाइजर सुमान्शु शर्मा ने शिरकत की । कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा अधिकारी संजना वत्स ने बताया की यह १४वा आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम चंडीगढ़ में शुरू हुआ था। इस कार्यक्रम में 5 राज्यों बिहार, उडिसा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ व झारखंड के 200 आदिवासी युवाओं ने भाग लिया।

इसमें 100 छात्र व 100 ही छात्राएं शामिल रही। पिछले छः दिन में इस कार्यक्रम के तहत इन प्रतिभागियों के साथ विभिन विषयों पर संवाद किया गया जिसमे आदिवासियों की समस्यायें, जल जंगल जमीन , युवाओं सशक्तिकरण, देश भक्ति एवं राष्ट्र निर्माण जैसे विषयों पर चर्चा की गयी। इस दोरान प्रतिभागियों ने चंडीगढ़ भ्रमण भी किया जिसमे उन्होंने पंजाब विश्विधालय, रॉक गार्डन, सुखना लेक , बर्ड सैंक्चुअरी, माता मनसा देवी मंदिर, चंडीगढ़ सेक्टर -17 मार्किट, गुरुद्वारा, आदि स्थानों का भ्रमण किया। शुक्रवार को भाषण प्रतियोगिता वे सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रतिभागियों भी आयोजित की गयी। समापन कार्यक्रम में प्रतिभागियों को सम्भोधित करते हुए किरण खेर ने कहा की इस प्रकार के कार्यक्रमों से हमे हमारे देश की संस्कृति को जानने का मौक़ा मिलता है।

इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को चंडीगढ़ वे यहाँ की संस्कृति को जानने का मौक़ा मिला है। प्रतिभागियों को चाहिए की वे यहाँ से जो कुछ भी सीख कर के जाएँ उसे अपने जीवन में उतारें वे समाज में बदलाव लाने के लिए प्रयास करें। उन्होंने कहा की वर्तमान सरकार आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से युवाओं के जीवन में आवश्य बदलाव आएँगे ।

वही सुमान्शु शर्मा ने कहा की युवाओं में बहुत ऊर्जा होती है वे इस ऊर्जा को राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगाएं। उन्होंने कहा की जिस उदेश्य से कार्यक्रम आयोजित हुआ है उस उद्श्ये को पूरा करना हमारी जिम्मेवारी है। आदिवासी संस्कृति हमारे देश का गौरव है और इससे सहेज कर रखना हमारी जिम्मेदारी है। इस अवसर पर प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को भी मुख्य अतिथि ने स्मृति चिह्न में प्रमाण पत्र देके सन्मानित किया।